Tuesday, May 5, 2015

पब्लिक स्कूलों में क्या पढ़ रहे हैं हमारे बच्चे ?



अक्सर कहा जाता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती और अभिभावक अपने बच्चे का नाम किसी पब्लिक स्कूल में लिखाकर निश्चिन्त हो लेते हैं. इस बात से बेखबर कि इन स्कूलों में बच्चे आखिर पढ़ क्या रहे हैं? इस उददेश्य से मैंने पटना के पब्लिक स्कूलों में पढ़ाई जा रही हिंदी की कुछ पाठ्य-पुस्तकों का सर्वेक्षण किया है. फ़िलहाल चौथी कक्षा के लिए अवधेश कुमार तिवारी द्वारा तैयार की गई हिंदी व्याकरण की पुस्तक ‘व्याकरण रश्मि’ (एडोनिस पब्लिकेशन इंक, नई दिल्ली, नवीन संस्करण, २०१५) का हाल देखिए. पुस्तक के गलत अथवा अवांछित हिस्से को मैंने कोष्ठक में बंद कर दिया है.      
पृष्ठ संख्या ५
(१) (बच्चों!) आपने देखा होगा कि छात्र विद्यालय के पुस्तकालय में (वहाँ) सब शांत होकर पुस्तक पढ़ते हैं, क्योंकि वहाँ बोलना मना होता है. (२) ऐसे कुछ संकेत (है) (३) ऐसे और भी संकेत (है). (४) दूर बैठे लोगों से बात करने के लिए किसी अन्य साधन की आवश्यकता पड़ती (हैं). (५) इसीलिए (बच्चों), भाषा बनाई गई. (६) भाषा के दो (रुप) होते हैं.
पृष्ठ संख्या ६
(१) जब अपने मन के विचार बोलकर प्रकट (किए जाते हैं) या दूसरों को (समझाए जाते हैं), तो भाषा का वह रूप ‘मौखिक भाषा’ कहलाता है. (२) वे परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अपनी-अपनी उत्तर पुस्तिकाओं (मे) लिखकर दे रहे हैं. (३) (यह) लिखित भाषा (के) उदाहरण (है). (४) सभी देशों की अपनी-अपनी भाषा (हैं). (५) इसके अलावा हमारे देश में भी अनेक भाषाएँ बोली जाती (है).
पृष्ठ संख्या ७ 
(१) भाषा (का) क्षेत्रीय रूप को बोली कहा जाता है. (२) हिंदी और संस्कृत भाषाएँ देवनागरी (भाषा) में, अंग्रेजी भाषा रोमन लिपि में, उर्दू भाषा फारसी लिपि में, पंजाबी भाषा (गुरूमुखी) लिपि में लिखी जाती है. (३) भाषा के दो (रुप) हैं-लिखित और मौखिक.     
पृष्ठ संख्या ८
(1) भाषा को लिखने का ढंग क्या कहलाता (हैं) ? (२) शैक्षिक (अधिगम) Scholastic Assessment (३) जिसके उच्चारण में वायु (नाम) और मुँह (दोनो) से निकलती है, उसे कहते हैं – (४) (निर नुनासिक)
पृष्ठ संख्या ९
(१) भाषा किसे कहते हैं ? (उदाहरण सहित बताइए). (२) बातचीत के माध्यम से विचारों को प्रकट करने के लिए (कौन सी भाषा की जाती है) ? (३) भाषा के द्वारा बोलकर और लिखकर (और लिखकर) विचार प्रकट कर सकते हैं. (४) प्रश्न संख्या ४ में भाषा कॉलम के अंतर्गत उड़ीसा, बंगाल और केरल का अनुचित उल्लेख है. ये राज्य हैं, भाषा नहीं.
पृष्ठ संख्या ११
इन शब्दों को यदि ध्यान से (पढ़े) तो पाएँगे कि प्रत्येक शब्द कुछ ध्वनियों से बना है. जैसे- (१) सेब=स+ए+व्+अ (२) मौसा=(म+आ+स+आ) (३) गुलाब=ग+उ+स+आ+व् +अ (४) किताब=क्+ई+त+आ+ब+अ
पृष्ठ संख्या १२
(१) हिंदी भाषा में वर्ण दो प्रकार के होते (है). (२) इनका स्थान स्वर के बाद (ओर) व्यंजन से पहले होता है. (३) इसका उच्चारण नाक और (गले) दोनों से होता है. (४) अंग्रेजी भाषा के प्रभाव के कारण (औं) को भी स्वर की मात्र में शामिल कर लिया गया है. (५) स्वतंत्र (रुप) में-स्वतंत्र रुप से प्रयोग (किए जाने) स्वरों के उदहारण (है)
पृष्ठ १३
(गुरू), (रूचि)
पृष्ठ १४
(एल्फावेट्स), (आर्शीर्वाद)
पृष्ठ १५
(१) वर्ण भाषा (को) सबसे छोटी इकाई होती है. (२)  शैक्षिक (अधिगम) Scholastic Assessment 
पृष्ठ १८ 
(१) (बच्चों,) पिछले अध्याय में आपने वर्ण के विषय में पढ़ा. (२) क, प, त, र आदि (वर्णों है). (२) (वर्णो) के मेल से शब्द बनते हैं.                        
पृष्ठ १९
(१) वर्णों के सार्थक मेल को ही शब्द कहते (है). (२) शब्द दो तरह के होते (है)
पृष्ठ २०
(१) शब्द किसे कहते (है)? (२) (निम्नलिखीत) वर्णो को मिलकर शब्द बनाइए. (३) (वार समो), (मा र टर), (लगा रे डी)
पृष्ठ २२
(१) इससे किसी भाव को (रूप से) प्रकट किया जा सकता है. (२) प्रत्येक वाक्य के दो अंग होते (है)
पृष्ठ २३
(१) वाक्य (पदों शब्दों व्यवस्थित) समूह होता है. (२) उददेश्य और विधेय (एक-एक पदों को) भी हो सकते हैं.
पृष्ठ २४
(१) आपका बेटा कहाँ पढ़ता है (|)
पृष्ठ २५
(१) छुट्टी/आज/ है/ स्कूल (की). (२) उपन्यासकार हिंदी के प्रेमचंद (है) प्रसिद्ध.
पृष्ठ २६
(१) (व्यक्ति वाचक) संज्ञा (२) (फुटबाँल) (३) (हाँकी) (४) गाय एक (पालतु) पशु है.
पृष्ठ ३३
(१) (पुरूष) सूचक चित्रों में बैल, पिताजी और मोर (है).
पृष्ठ ३४
(१) (माता जी)
पृष्ठ ३५
(१) (पुरूष)
पृष्ठ ३६
(१) लिंग के कितने भेद होते हैं(|)
पृष्ठ ३८
(१) हम बहुवचन (सभी) बोल सकते हैं, जब गिन (सके). (२) (बच्चों !)
पृष्ठ ३९
(१) (एक वचन)
पृष्ठ ४०
(१) (दवाईयाँ)
पृष्ठ ४१
(१) ऐसे शब्द जिनसे एक से अधिक संख्याओं का पता चलता है, उन्हें (एकवचन) कहते हैं. (२) (एक वचन)
पृष्ठ ४३
(१) मेज पर (फस) रखा है. (२) वर्ग-(पहले) (३) (छॉंटकर)       
पृष्ठ ४४
(१) संज्ञा शब्दों का बार-बार प्रयोग न हो इसके लिए सर्वनाम शब्दों का (प्रयोग बार-बार प्रयोग न हो इसके लिए सर्वनाम शब्दों का) प्रयोग किया जाता है. (२) रंगीन रेखांकित छपे शब्द सर्वनाम (है).
पृष्ठ ४५
(१) (पुरूषवाचक) सर्वनाम
पृष्ठ ४६
(१) (अनिश्चिय) सर्वनाम (२) प्रश्नवाचक सर्वनाम-(केसे) (३) आप कौन (है) ? (४) अध्यापक ने बच्चों से कहा, ‘‘(बच्चों) जो परिश्रम करेगा, वह अवश्य सफल होगा.’’ (५) (पुरूषवाचक)
पृष्ठ ४७
(१) (पुरूषवाचक) सर्वनाम
पृष्ठ ४८
(१) दरवाजा कौन खटखटा रहा है(|) (२) आप यहाँ कब आए(|) (३) आज की प्रतियोगिता कौन जीता(|) (४) क्या आप मेरी बात मानेंगे(|) (५) बगीचे से किसी ने फल तोड़ (दिया) है.
पृष्ठ ४९
(१) तुम तुम्हारी पाठशाला (जाओं). (२) (पुरूषवाचक) सर्वनाम
पृष्ठ ५०
(१) आज रोहित का (जन्म दिन) है. (२) (राहित)
पृष्ठ ५१
(१) जब इन पुतलों में आग लगती (हैं) (२) पापी, खुश ऐसे विशेषण (है) (३) ये सभी गुणवाचक विशेषण (है). (४) इस (रेश) में दो घोड़े दौड़ रहे हैं(पूर्णविराम गायब) (५) दिए गए दोनों वाक्यों में रंगीन शब्द परिमाणवाचक विशेषण (है).
पृष्ठ ५२
(१) (परिभाण) (२) (सार्वजनिक) विशेषण
पृष्ठ ५३
(१) मुझे मीठे आम बहुत पसंद (है) (२) कक्षा में दस छात्र अनुपस्थित (है)
पृष्ठ ५४
(१) (सार्वजनिक) विशेषण                                            

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